इक तू ही तो है !

कहता है ये जहां ,
कि प्यार बस इक बार होता है ।
जब भी‌ मिलता हूं मैं तुझसे,
मुझे तो हर बार होता है ।

कुछ नयापन, कुछ अनकहा ,
हर बार अलग अहसास होता है ।
ना हो सके बयां जो लफ्जों में,
आंखों में इश्क का वो जाम होता है।

तेरी जुल्फों के छांव तले ,
इस दिल को बड़ा आराम होता है ।
कभी तू गुस्से में भी हो,
उसमें भी इक प्यारा अन्दाज होता है ।

फिरता रहूं मैं कहीं भी, कभी भी,
हरदम तेरा ही ख्याल होता है।
ढूंढता है ये दिल तुझे जमाने की भीड़ में,
नादान है , इसे खबर नहीं,
इक तू ही तो है जो….
मेरी तन्हाईयों में भी मेरे साथ होता है ।

~AnuRag

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