
कितना भी संभालो इसे ,
कुछ ना कुछ रुठ ही जाती है ।
रेत सी ही तो है , ये ज़िन्दगी ,
कितना भी पकड़ो मुट्ठी में,
फिसल कर छूट ही जाती है ।
बहती धाराओं सी निरन्तर,
आगे बढ़ती है ज़िन्दगी
यूं ही चलती चली जाती है…..
किसी के लिए ना रुकती है ज़िन्दगी ।
गर साथ चलो इसके ,
तो आसान सफर है ज़िन्दगी ।
हम मुसाफ़िर है इसके ,
हमारे मंजिलों की डगर है ज़िन्दगी ।
कोयल की कूक सी ,
मधुर संगीत है ज़िन्दगी ।
गर अपने दिल की सुनो ,
तो सच्ची मीत है ज़िन्दगी ।
मंजिल इक है ,
रास्ते अनेक है ।
इंसान अलग-अलग,
पर मानवता एक है ।
ये समझ जाए सब,
तो कितनी आसान है ज़िन्दगी ।
प्यार हम में भी है ,
प्यार उनमें भी है ।
प्यार का ही दूसरा नाम है ज़िन्दगी ।
गर दिल हो सच्चा ,
ईमान हो पक्का
तो जन्नत से कुछ कम नहीं है, ये ज़िन्दगी ।।
2019-2020 © AnuRag
बहुत सुन्दर👌👌
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धन्यवाद् 🙏
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Bahut sundar 👌👌
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Thank you Era.
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😊😊
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वाह पड़ कर अच्छी लगी ये जिंदगी।💖
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*पढ़ कर
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धन्यवाद् 😊🙏
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😊
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Simply amazing!
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Thank you so much.
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Marvelous💕
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Thank you so much ❤️
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Beautifully explained 😊❤️
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Thank you so much ❤️
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सुंदर रचना .
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धन्यवाद् 🙏😊
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बहुत खूबसूरत रचना। उम्दा लेखन।👌👌
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धन्यवाद् सर जी 🙏
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ज़िंदगी पर लिखी पंक्तियाँ मुझे स्वतः ही आकर्षित कर लेती हैं आपने लिखा बहुत बढ़िया है अनुराग जी 👌
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बहुत बहुत धन्यवाद् आपका🙏
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